महिलाओं के आर्थिक स्वावलंबन विकास में स्वयं सहायता समूह की भूमिका का विश्लेषण
Keywords:
आर्थिक आत्मनिर्भरता, कौशल विकास, संसाधनों, माइक्रोलोन, गैर-सरकारी संगठनों, प्रशिक्षणAbstract
स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) महिलाओं के बीच आर्थिक आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण तंत्र के रूप में उभरा हैं, खासकर भारत जैसे विकासशील देशों में। ये जमीनी स्तर के संगठन महिलाओं को वित्तीय संसाधनों, कौशल विकास और एक सहायक समुदाय तक पहुँच प्रदान करके उन्हें सशक्त बनाते हैं। ‘‘एसएचजी के माध्यम से माइक्रोफाइनेंस महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता के लिए एक महत्वपूर्ण उत्प्रेरक साबित हुआ है‘‘ (स्मिथ एंड जॉनसन, 2021, पृष्ठ 45)। एसएचजी की अवधारणा सामूहिक कार्रवाई के विचार पर आधारित है, जहाँ महिलाएँ बचत करने, उधार लेने और आय-उत्पादक गतिविधियों में निवेश करने के लिए एक साथ आती हैं। यह सहयोगी दृष्टिकोण न केवल उनकी आर्थिक स्थिति को बढ़ाता है बल्कि एकजुटता और आपसी सहयोग की भावना को भी बढ़ावा देता है। आर्थिक आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने में एसएचजी की प्राथमिक भूमिका कई प्रमुख आयामों के माध्यम से देखी जा सकती है। सबसे पहले, एसएचजी ऋण तक पहुँच को आसान बनाते हैं। पारंपरिक बैंकिंग प्रणाली अक्सर महिलाओं, खासकर हाशिए के समुदायों की महिलाओं को अनदेखा करती है। एसएचजी संसाधनों को एकत्रित करके और अपने सदस्यों को माइक्रोलोन प्रदान करके इस अंतर को पाटते हैं। यह वित्तीय समावेशन महिलाओं को छोटे व्यवसायों, कृषि या अन्य आय-उत्पादक गतिविधियों में निवेश करने में सक्षम बनाता है, जिससे उनकी आर्थिक स्वतंत्रता बढ़ती है। एसएचजी की सामूहिक ताकत बाजारों और बातचीत में अधिक सौदेबाजी की शक्ति प्रदान कर सकती है, जिससे उनकी आर्थिक संभावनाओं को और बढ़ावा मिलेगा। हालांकि, एसएचजी के माध्यम से आर्थिक आत्मनिर्भरता की ओर यात्रा चुनौतियों से रहित नहीं है। बाजारों तक सीमित पहुंच, अपर्याप्त बुनियादी ढांचे और महिलाओं की गतिशीलता को प्रतिबंधित करने वाले सामाजिक मानदंड जैसे मुद्दे उनकी प्रगति में बाधा डाल सकते हैं। इसके अतिरिक्त, एसएचजी की स्थिरता सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों से निरंतर समर्थन पर निर्भर करती है, जो प्रशिक्षण, संसाधन और बाजार संपर्क प्रदान करने के लिए आवश्यक है। प्रस्तुत षोध पत्र द्वारा महिलाओं के आर्थिक स्वावलंबन विकास में स्वयं सहायता समूह की भूमिका का विश्लेशण करना हैं।
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